भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को नगदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया है। इसके अलावा बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपए की निकासी की सीमा तय की है। बैंक के लिए एक प्रशासक की भी नियुक्ति की गई है।
आरबीआई द्वारा मौद्रिक सीमा निर्धारित करने के बाद से यस बैंक के जमाकर्ताओं को एटीएम से धन निकालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लंबी कतारों में खड़े ग्राहकों को कहीं मशीनें बंद पड़ी मिलीं तो कहीं एटीएम में धन नहीं था। यह बैंक के ग्राहकों की मुसीबत और बढ़ गई जब उन्हें इंटरनेट बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से धन स्थानांतरित करने में भी असुविधा झेलनी पड़ी।
आरबीआई का कहना है कि, यस बैंक लगातार एनपीए की समस्या से जूझ रहा है, जिसके चलते यह फैसला लेना पड़ा है। आरबीआई द्वारा जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक, यस बैंक में बचत, चालू या किसी अन्य जमा खाते से एक महीने के दौरान 50 हजार रुपए से ज्यादा धनराशि नहीं निकाली जा सकेगी। इसके साथ ही अगर किसी के बैंक में एक से ज्यादा खाते हैं तो भी 50 हजार से ज्यादा धनराशि नहीं निकाली जा सकेगी। दूसरी ओर एसबीआई बोर्ड ने यस बैंक में निवेश के लिए ‘सैद्धांतिक’ स्वीकृति दे दी है।