शुक्रवार को भी लोकसभा में 7 सांसदों के निलंबन पर खुब हंगामा हुआ, कांग्रेस नेताओं का मांग रहा कि निलंबित किए गए नेताओं को वापस बुलाया जाए। इसपर बोलते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, जेबकटुवा को फांसी के तख्ते पर नहीं चढ़ाया जा सकता। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस के सदस्य आसन को ‘पॉप ऑफ द वेटिकन’ की तरह सम्मान देते हैं और उन्होंने कभी आसन का आनादर नहीं किया है।
इसके आगे बोलते हुए अधीर रंजन ने कहा कि, पार्टी के 7 सदस्यों को एक साथ बाकी सत्र के लिए निलंबित किए जाने का कोई आधार नजर नहीं आता। प्रदर्शन के दौरान अन्य विपक्षी सदस्य भी थे लेकिन कारण पता नहीं है कि किस आधार पर कांग्रेस के सातों सदस्यों को निलंबित कर दिया गया। यह छोटी बात नहीं है। चौधरी ने कहा, ‘जेबकटुवा को फांसी के तख्त पर नहीं चढ़ाया जा सकता।’
इसपर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि, निलंबित सदस्यों की तुलना जेबकतरों से करना उचित नहीं लगता। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हम इससे सहमत नहीं हैं। कांग्रेस सदस्यों के निलंबन को उचित ठहराते हुए जोशी ने कहा कि, जब BJP विपक्ष में थी तो तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी हमेशा सदस्यों को आसन का अनादर करने वाली किसी भी बात से रोकते थे।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, यूपीए सरकार के समय बीजेपी के 45 सदस्यों को चालू सत्र की पूरी शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया था। 2007 से 2010 के बीच कांग्रेस ने हंगामे के बीच 18 विधेयक पारिक कराए थे। कांग्रेस के 7 लोकसभा सदस्यों को बृहस्पतिवार को आसन से कुछ कागज छीनने और फाड़कर उछालने के मामले में सदन का अपमान करने और ‘घोर कदाचार’ के लिए मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।